(रायपुर से लौटकर प्रोफे. के० मुरारी दास की रिपोर्ट)
लोक असर समाचार
बुजुर्गों के साथ आए दिन कई प्रकार की दुर्व्यवहार होते रहते हैं जिसमें शारीरिक,मानसिक व आर्थिकता के अतिरिक्त उपेक्षा और परित्याग के कारण प्रमुख हैं. इसी बात को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिसंबर 2011 में *विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस World Elder Abuse Awareness Day* W.E.A.A. यानी वृद्ध जनों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता के मकसद से यह दिवस मनाया जाता है. ताकि पूरे विश्व में वरिष्ठ जनों के साथ होने वाली प्रताड़ना एवं दुर्व्यवहार पर इनकी आवाज बना जा सके. इसी बात को ध्यान में रखकर भारत सहित विश्व के अनेक देशों में 15 जून को यह दिवस मनाया जाता है.
गत दिवस रायपुर के प्रेस क्लब में ऐसा ही एक आयोजन किया गया. जिसका विषय था -
भारत में वृद्धावस्था देखभाल की चुनौतियां
जिसका आयोजन किया था. हेल्प एज इंडिया के राज्य इकाई ने. इस विषय पर बोलते हुए एनआई टी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. वीणा चावला ने कहा- आज की युवा पीढ़ी और बड़े बुजुर्ग की उम्र में काफी अंतर है.
इस व्यवस्था में हम मानसिक सोच के साथ विकास करने के लिए समय दें या इस अवस्था को समझने के लिए समय लगाएं कि, हम क्यों जी रहे हैं .इसके लिए हमें परिवार, समाज और प्रकृति के विषय को समझना होगा . ताकि मानव मूल्य के विकासात्मक अध्ययन भी हमारी शिक्षा का अनिवार्य अंग बने .
आईष्कान महिला विंग के अध्यक्ष यमला साहू ने कहा-आज संयुक्त परिवार में विघटन का दौर चल रहा है. इसका प्रमुख कारण हमारे संस्कारों में कहीं कोई कमी है.
आज भी अधिकांश महिलाएं पुरुषों पर निर्भर हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आज भी अशक्त हैं . जिससे बुजुर्गों के साथ होने वाले डिजिटल फ्रॉड एक गंभीर समस्या बनी हुई है. हमें इस पर समुचित जानकारी के साथ ही अपडेट रहने की भी आवश्यकता है .
मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए जेष्ठ नागरिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश देवरस ने बुजुर्गों पर डाटा पेश करते हुए कहा- आज जिस प्रकार वृद्ध जनों की संख्या बढ़ रही है, सन 2050 तक इस देश में बुजुर्गों की आबादी 30 करोड़ तथा पूरी दुनिया में 210 करोड़ होने का अनुमान है इस बीच युवाओं की संख्या में भी कमी होने के आसार हैं.
इतना सब कुछ होने के बाद भी भारत सरकार के द्वारा हम बुजुर्गों के लिए कोई भी ठोस नीति नहीं बनाई गई है .
कार्यक्रम आयोजक एवं हेल्प एज इंडिया के राज्य प्रमुख शुभंकर विश्वास ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि, हेल्प एज इंडिया कोई रिसर्च आर्गेनाईजेशन नहीं है पर वह बुजुर्गों पर सर्वे करवाती है और अपना रिपोर्ट राज्य सरकारों को देती है. यदि 60 साल को एवरेज उम्र माने तो इस समय छत्तीसगढ़ में 36 लाख से ऊपर सीनियर सिटीजन हो गए हैं.
हमारी संस्था हेल्प एज इंडिया वर्तमान व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाएं इस पर कार्य कर रही है. उन्होंने राज्य शासन द्वारा वृद्ध जनों के लिए चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी.
इसके पूर्व हेल्प एज इंडिया के कार्यकर्ताओं ने अतिथियों का पुष्प कुछ से स्वागत कर उनका सम्मान किया.
कार्यक्रम को एम्स रायपुर के डीन नरेश चंद्र अग्रवाल दुर्गा महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुनीता चौरसिया तथा एम्स रायपुर के टीम लीडर अमित कुमार ने भी संबोधित किया कार्यक्रम में अनेक प्राध्यापक समाज सेवी वरिष्ठ जन, इसके अध्यक्ष पुलिस विभाग के अनेक अधिकारी कर्मचारी व इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया की उपस्थिति प्रमुख थी.