“विश्व सोशल मीडिया दिवस :लोकजीवन में प्रासंगिकता”

(डॉ रूपेन्द्र कवि /लोकहितकारी, मानववैज्ञानिक व साहित्यकार)

लोक असर के लिए ख़ास लेख

सोशल मीडिया दिवस हर साल 30 जून को मनाया जाता है, यह दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के महत्व और उनके प्रभाव को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है, सोशल मीडिया ने पिछले कुछ सालों में हमारे जीवन पर एक छाप छोड़ दी है , चाहे वह व्यक्तिगत संचार हो, व्यापार हो या फिर समाचार और जानकारी का प्रसार हो।

इतिहास

    सबसे पहले हम सोशल मीडिया दिवस के इतिहास को जान लेते हैं सोशल मीडिया दिवस की शुरुआत मशाबल (Mashable) वेबसाइट ने 2010 में की थी, इसका उद्देश्य था सोशल मीडिया के प्रभाव को पहचानना और उसकी उपलब्धियों का जश्न मनाना, सोशल मीडिया ने दुनिया को एक छोटे गांव की तरह बना दिया है, जहां लोग आसानी से एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं और अपनी बातों को एक दूसरे तक पहुचा सकते हैं।

महत्व

  इस दिन, लोग सोशल मीडिया पर विशेष पोस्ट साझा करते हैं, हैशटैग का उपयोग करते हैं और ऑनलाइन इवेंट्स का आयोजन करते हैं, यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली श्रोत है जो हमें जोड़ता है और हमारे विचारों और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में मदद करता है।

उद्देश्य

  सोशल मीडिया दिवस हमें सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलुओं का जश्न मनाने का अवसर देता है और हमें यह याद दिलाता है कि कैसे यह हमारे जीवन को बदल रहा है, इस दिन का उद्देश्य सोशल मीडिया के प्रभाव को स्वीकारना और इसे जिम्मेदारी से उपयोग करने की प्रेरणा देना है।

लोक में प्रासंगिकता-

      सोशल मीडिया दिवस पर लोक की ओर नज़र डालें तो हर घर , हर आदमी तक । मेट्रो, शहर से गाँव देहात तक। कॉर्पोरेट से शासकीय कार्यालयतक, बिजनेसमैन से कृषक तक, और पिछडे गाँव तक में रहने वाले सभी तक सोशल मीडिया का प्रभाव है। आज के दिन में चाहे कोई अपनी बात रखना चाहे- वह धार्मिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक हो या फिर आम आदमी की अपनी व्यक्तिगत अभिरुचि की बात हो अवश्य ही सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है। लोक जीवन भारत जैसे ज़्यादा जनसंख्या व ग्राम्य प्रधान देश में सोशल मीडिया लोक को विश्व से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। और सोशल मीडिया के एक्सपर्ट व प्रोवाइडर को लोक हित में सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग व इसके बुरे पक्ष व ठगी से बचाव के उपाय, जानकारी उपलब्ध कराने की महती आवश्यकता है।

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