समाज सेवी एवं साहित्यकार विजय गुप्ता ” विज ” का निधन

(लोक असर समाचार राजनंदगांव /बालोद)

डोंगरगढ़ के प्रतिष्ठित व्यवसायी, पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा, छुरिया और साहित्य प्रवाह समिति डोंगरगढ़ के वरिष्ठ सदस्य विजय कुमार गुप्ता विज का 11 अगस्त 2024 को 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया । उनका अंतिम संस्कार डोंगरगढ़ के मुक्तिधाम में किया गया । उनका जन्म आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को डोंगरगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम मेवा लाल गुप्ता और माता का नाम शिवप्यारी गुप्ता । उनका विवाह निर्मला गुप्ता से हुआ।उनकी प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक शाला डोंगरगढ़ में और उच्च शिक्षा 1966-67 में शासकीय विज्ञान महाविद्यालय रायपुर में हुआ। उन्होंने डोंगरगढ़ में व्यापार के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान कायम की। वे गुप्ता हार्डवेयर के संचालक थे। व्यापार के साथ ही वे अध्ययन – अध्यापन, प्राकृतिक अवलोकन एवं समाज सेवा में उनकी रुचि थी।
वृद्धावस्था में भी साहित्यिक गतिविधियों और लेखन कार्य में बहुत सक्रिय थे। वे साहित्य प्रवाह समिति डोंगरगढ़, पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा, छुरिया के साथ ही साकेत साहित्य परिषद सुरगी, राजनांदगांव, शिवनाथ साहित्य धारा डोंगरगांव, छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति जिला ईकाई राजनांदगांव, राष्ट्रीय कवि संगम राजनांदगांव द्वारा आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी एवं परिचर्चा और छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के आयोजन में सक्रियता से सहभागिता निभाते थे। सन 2016 में उनकी एक किताब भी प्रकाशित हुई- “ना था, नथा, नाथ”।
तनिष्का लान ,डोंगरगढ़ उनके किताब के विमोचन पर एक वृहद साहित्यिक कार्यक्रम हुआ था जिसमें राजनांदगांव, खैरागढ़ – छुईखदान – गंडई और मोहला- मानपुर – चौकी जिले के साहित्यकार बड़ी संख्या में शिरकत किए थे। वे सरल,सहज एवं सरस व्यक्तित्व के धनी थे। जब हम लोगों ने वर्ष 2016 में पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा, छुरिया का गठन किया तो मासिक गोष्ठी में वे डोंगरगढ़ के साहित्यकार तजिंदर सिंह भाटिया, नंद किशोर गुप्ता, किशोर मिश्रा, अमृत दास साहू, शैल शर्मा के साथ अक्सर आया करते थे। वे पुरवाही साहित्य समिति के सदस्य बन गए। वे परिचर्चा में बढ़िया तैयारी करके आते थे। साहित्य प्रवाह समिति के महत्वपूर्ण स्तंभ नंद किशोर गुप्ता, किशोर कुमार मिश्रा पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके है। अब विज का चले जाना प्रवाह साहित्य समिति और पुरवाही साहित्य समिति के लिए के लिए एक बड़ी क्षति है।

उनके निधन पर विभिन्न साहित्य समितियों ने
शोक व्यक्त करते हुए मृतात्मा को श्रद्धांजलि और शोकाकुल परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करने प्रार्थना की है।

// साभार- ओम प्रकाश अंकुर के फेसबुक वॉल से //

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