विश्व आभार दिवस: सफलता का मार्गदर्शक

(लेखक, साहित्यकार, मानववैज्ञानिक व लोकहितकारी (डॉ रूपेन्द्र कवि) की ओर से LOK ASAR के लिए विशेष लेख) _ BILASPUR

विवरण-:
‘विश्व आभार दिवस’ मनाने का सबसे प्रमुख कारण है पूरे वैश्विक समुदाय को एक साथ लाना।

तिथि-:
21 सितंबर
शुरुआत-:
1966 से
उद्देश्य-:
लोग एक दूसरे के अच्छे कार्यों पर आभार व्यक्त कर सकें, अपनों को धन्यवाद कह सकें।
विशेष-:
जिन लोगों ने भी आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उनके साथ समय बीताना और उन्हें धन्यवाद कहना जीवन का सबसे बेहतरीन पल होता है।
विश्व आभार दिवस (अंग्रेज़ी: World Gratitude Day) प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमें उन तमाम लोगों का आभार व्यक्त करने का मौका देता है जिन्होंने हमारे जीवन को सजाने संवारने में अपना योगदान दिया है। विश्व आभार दिवस निजी और संस्थागत दोनों तौर पर मनाया जा सकता है। हर कोई चाहता है कि उसके काम की तारीफ हो। ऐसे में विश्व आभार दिवस से अच्छा दिन नहीं हो सकता।

क्यों मनाते हैं-:
साल 1965 में अमेरिका के हवाई राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक समूह जमा हुआ। वहाँ इस बात का प्रस्ताव रखा गया कि हर साल एक ऐसा दिन रखा जाए जब लोग एक दूसरे के अच्छे कार्यों पर आभार व्यक्त कर सकें, अपनों को धन्यवाद कह सकें। इसके लिए 21 सितंबर का दिन चुना गया। जब यह लोग अपने-अपने देश वापस गए तो साल 1966 से 21 सितंबर को ‘विश्व आभार दिवस’ के रूप में मनाना शुरू किया। उसके बाद इसके मनाने वालों की संख्या बहुत तेज़ीसे बढ़ती गई और आज विश्व में करोड़ों लोग 21 सितंबर को इसे मनाते हैं। इसे मनाने का सबसे प्रमुख कारण है पूरे वैश्विक समुदाय को एक साथ लाना। इस दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है कि कोई उसके काम की तारीफ करे।

कैसे करें आभार व्यक्त-:

    यूं तो किसी की तारीफ करने और आभार व्यक्त करने के सैकड़ो तरीके हैं।

    हम अपने रिश्तेदारों, माता-पिता, दोस्त और भी कई लोगों का आभार व्यक्त कर सकते हैं जो हमारे जीवन में हर पल हमारे साथ चले।

घरों में अक्सर पालतू जानवर रखते हैं। वो हमारे मनोरंजन का साधन होता है साथ ही हमारे घर की रखवाली भी करता है। हम 21 सितंबर को उसके साथ कुछ पल बिताकर और खेलकर उसका आभार व्यक्त कर सकते हैं।

हमें उस पर्यावरण को भी धन्यवाद कहना चाहिए जहाँ से हमें शुद्ध हवा मिलती है। हम पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण का आभार व्यक्त कर सकते हैं।
अपने परिवार का आभार व्यक्त करने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप उनके साथ बैठ कर खाना-पीना करें और उनके साथ अपने अनुभवों को साझा करें।
जिन लोगों ने भी आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उनके साथ समय बीताना और उन्हें धन्यवाद कहना सबसे बेहतर होगा।
आप चाहें तो घर में एक आभार पत्रिका की शुरुआत कर सकते हैं। यह आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक शानदार अनुभव होगा।
ईश्वर के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए आप वैसे लोगों के साथ समय बिता सकते हैं जो परेशान हैं या वैसे लोग जिनकी झोली मे खुशियां बहुत कम आती हैं। अनाथालय या वृद्धाश्रम इसके लिए सबसे बेहतर जगह है।

लाभ-:
आभार और धन्यवाद पर विश्व के सबसे बड़े शोधकर्ता रोबर्ट इमंस का मानना है कि हर मनुष्य चाहता है कि उसके काम और मेहनत के बदले लोग उसकी तारीफ करें और उसको धन्यवाद कहें। रोबर्ट बताते हैं कि जब आप किसी का आभार व्यक्त करते हैं तो वो मनुष्य मानसिक तनाव से मुक्त होता है। उसे नींद अच्छी आती है साथ ही शारिरिक परेशानियों से वो दूर रहता है। इन वजहों से वो डॉक्टर के पास भी बहुत कम जाता है। आभार प्रकट करने से मनुष्य के अंदर आत्मबल आता है। आप भी आज के दिन अपने तमाम चाहने वालों का ज़रूर आभार व्यक्त करें साथ ही उन्हें शुभकामनाएं भी दें।

आभार दिल से-:
इस ख़ास दिन मैं अपनी बात पाठकों से साझा करना चाहता हूँ। मुझे जो अपने माता-पिता से विरासत में मिला तीन बच्चों का पिता होने के नाते उनको देने का प्रयास करता हूँ। मैं प्रतिदिन प्रातः उठकर ही और सोने से पहले भगवान के पहले इस सुंदर मानवजीवन के लिए कृतज्ञ भाव से आभार व्यक्त करता हूँ। युवाओं को ख़ास कर स्कूल-कॉलेज के बच्चों को एक मोटिवेशनल टॉकर के रूप में ज़रूर बोलना चाहूँगा की वे “आभार” मानने को जीवन का हिस्सा बना लें, यही ग्रैटिटूड ही सफलता के लिए संबल प्रदान करता है।

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