पर्यावरण संरक्षण को लेकर संगोष्ठी में समाजसेवी और बुद्धिजीवियों ने पर्यावरण जागरूकता पर दिया जोर

लोक असर समाचार बालोद/संबलपुर/ गुरुर

पर्यावरण में फैले प्रदूषण धीरे-धीरे वैश्विक संकट बनने की ओर अग्रसर है.आज का दिवस खासकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का दिवस है. इस साल का वैश्विक थीम है Only one earth अर्थात सिर्फ एक पृथ्वी. धरती पर अनियंत्रित वनों की कटाई के कारण ग्लोबल वार्मिंग चक्रवात बाढ़ तूफान आदि का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है. जिसके कारण भू वैज्ञानिक और पर्यावरण विद चिंतित हैं. इन्हीं बातों को लेकर दैनिक बालोद न्यूज़ समूह ने अपनी द्वितीय स्थापना दिवस पर्यावरण दिवस के रूप में केक काटकर मनाया.
पर्यावरण दिवस को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर के0 मुरारी दास ने कहा कि, हम जीवित पेड़ को धागा बांधने दीपक जलाकर पूजा अर्चना तो करते हैं पर पेड़ लगाने और उसे संरक्षण करने की कार्य यदा-कदा लोग ही करते हैं. हम पर्यावरण शुद्ध करने के नाम पर न केवल होली जैसे त्योहारों पर झाड़ों को काटते हैं ,बल्कि यज्ञ और हवन के माध्यम से घी और अनाज को जलाकर भी स्वाहा करते हैं, दूध नदिया में बहाते हैं. हमारी यह धार्मिक नौटंकी भी ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने में जितना दोषी हम हैं उससे कहीं ज्यादा दोषी पूंजीवादी व्यवस्था भी है.


मानवाधिकार कार्यकर्ता और ओबीसी की महिला विंगअध्यक्ष श्रीमती खिलेश्वरी साहू ने कहा- हमारे आसपास अंधाधुंध काटे जा रहे पेड़ों से प्रकृति का दोहन हो रहा है जिसका परिणाम स्वरूप वन्य प्राणी, मनुष्य और पर्यावरण आज विनाश के कगार पर है. समय रहते इस पर यदि नियंत्रण नहीं किया गया तो उसके विनाश के जवाबदार हम स्वयं होंगे.
राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका लोक असर के संपादक दरवेश आनंद ने कहा – कल कारखाने सड़क व भवन निर्माण जैसे भौतिक उन्नति के नाम पर नित नए पेड़ काटे जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण असंतुलन हो रहा है, जिससे बेमौसम बरसात गर्मी व ठंड जैसी स्थितियां निर्मित हो रही है. पर्यावरण के प्रति जागरूकता सरकारी प्रयासों व चंद् पर्यावरण प्रेमियों से ही संभव नहीं है. इसके लिए हम सबको जागरूक होने की आवश्यकता है और इसके लिए हमें मुहिम चलाने की भी आवश्यकता है. अपनी काव्यात्मक शैली में दरवेश ने आगे कहा –गांव की अमराई ,बरगद और पीपल के छांव जो नित कटते जा रहे हैं. जहां कभी लिए जाते थे अहम फैसला लगाकर चौपाल. वह अब हो चुका है कंक्रीट के जंगल में तब्दील. यहां अब सुनाई नहीं देती गौरैयों की चहक, और ना ही भोर होने का आभास.


इस पर्यावरण संगोष्ठी को सामाजिक कार्यकर्ता कविता गैंद्रे, सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम चंद्राकर , कामता प्रसाद भंडारी व दीपक आरदे आदि लोगों ने भी संबोधित किया.
कार्यक्रम के दौरान अनेक पर्यावरण प्रेमियों पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए कलम डायरी और स्मृति पदक प्रदान कर सम्मानित किया सम्मानित होने वालों में कुंजलाल साहू गुंडरदेही चंदन पटेल गुंडरदेही, दरवेश आनंद बालोद, लक्ष्मीकांत बंसोड़ डौंडी, घनश्याम साहू डोंगरगांव , धूलेश्वर सिन्हा टिकरी, कौशल गजेंद्र प्रमुख थे. इस अवसर पर दैनिक बालोद न्यूज़ समूह द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को भी स्मृति पदक देकर सम्मानित किया गया.
रेस्ट हाउस संबलपुर में संपन्न इस पर्यावरण गोष्ठी में आम आदमी पार्टी के प्रदेश पर्यवेक्षक चोवेंद्र साहू, जिलाध्यक्ष दीपक आरदे, जिला सचिव कामता प्रसाद तथा एकलव्य महाविद्यालय लोहारा राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राएं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया व पोर्टल वेब मीडिया के अनेक पत्रकार और संपादक मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद अतिथियों द्वारा रेस्ट हाउस परिसर में नीम के पौधे का रोपण किया गया। संचालन पर्यावरण सचेतक भोज साहू तथा आज तक के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार किशोर साहू के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *