हमारी शिक्षा के स्तर में हो रही निरंतर गिरावट चिंता का विषय – प्रोफेसर दास
LOK ASAR
GURUR/BALOD
पिछले एक दशक के दौरान भारतीय शिक्षा के स्तर में तेजी से गिरावट देखी जा रही है इस पूरे देश में एक दशक के दौरान 51हजार से भी अधिक शैक्षणिक संस्थाएं बंद हो चुके हैं तथा निजी शैक्षणिक संस्थाओं का तेजी से विकास हुआ है जो शिक्षा के नाम पर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनकर रह गया हैं लेकिन इस अवधि में आलीशान मंदिर और मूर्तियों के निर्माण अवश्य हुआ है इससे साबित होता है हम बहुत तेजी से शिक्षा की ओर नहीं बल्कि अंधविश्वास और अशिक्षा की ओर आगे बढ़ रहे हैं . जो कि आने वाली पीढ़ी को मानसिक रूप से अपंग बनाने की तैयारी है.
उक्ताशय की बातें प्रोफेसर के. मुरारी दास ने कही.वे मां बहादुर कलारी कला एवं विज्ञान महाविद्यालय गुरुर में आयोजित शिक्षक दिवस प्रवेश उत्सव व शिक्षक सम्मान समारोह व विभिन्न कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अधिवक्ता चंद्रहास सिंन्हा ने शिक्षा के गिरते स्तर पर अपनी बातें रखीं. इसके लिए उन्होंने शासन के अतिरिक्त महाविद्यालय के कमजोर मैनेजमेंट को दोषी ठहराया.
भूगोल विभाग के सहायक अध्यापक प्रोफेसर मुरली सिन्हा ने कहा शिक्षक एक दिन के लिए हो या पूरे समय के लिए उनका कोई भी ज्ञान छात्रों के लिए प्रेरणा प्रद रहता है. विद्यार्थियों के लिए कब और किस मोड़ पर काम आ जाए इसलिए पढ़ाई के दौरान अपने ध्यान को हमेशा केंद्रित रखना आवश्यक हो जाता है.
इस आयोजन को रसायन शास्त्र की सहायक अध्यापक प्रो.उपासना साहू, हिंदी विभाग के सहा.प्राध्यापक प्रियंका साहू, जूलॉजी की सहायक अध्यापक माधुरी सिन्हा, सहा. प्राध्यापक पुष्पेंद्र साहू सहित अनेक प्राध्यापकों ने कार्यक्रम को संबोधित किया कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर ताराचंद देवांगन ने की.
इस अवसर पर जीव विज्ञान के सहा. अध्यापक प्रोफेसर दुर्गेश्वरी पटेल का शासकीय महाविद्यालय घोटिया में अतिथि प्राध्यापक के रूप में पदोन्नति होने पर कला एवं विज्ञान संकाय के वरिष्ठ छात्र छात्राओं द्वारा भावभीनी विदाई दी गई.
आयोजन के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दामिनी सोनभद्र द्वारा अतिथियों, महाविद्यालय के अध्यापकों, स्टाफ के कर्मचारियों व समस्त छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व धन्यवाद व्यापित करते हुए छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की. यह एकदिवसीय विविध कार्यक्रम महाविद्यालय के वरिष्ठ छात्र-छात्राओं द्वारा प्रथम वर्ष में प्रवेशी छात्र-छात्राओं के सम्मान में यह कार्यक्रम किया गया जिसमें स्वागत समारोह , प्रवेशोत्सव, शिक्षक विदाई क्विज प्रतियोगिता व सांस्कृतिक गतिविधियां जैसे अनेक कार्यक्रम संपन्न हुए.
कार्यक्रम को सफल बनाने में रामस्वरूप सिंन्हा, नरेंद्र खोबरागड़े वी श्री राजेंद्र पारकर व हुमन गंजीर का विशेष योगदान रहा.