LOK ASAR
PAKHNJUR
शासकीय वीर गैंदसिंह महाविद्यालय पखांजूर में 24 अक्टूबर को जनजाति गौरव माह अन्तर्गत “जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत” ऐतिहासिक, सामाजिक, आध्यात्मिक योगदान विषय पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला मुख्य अतिथि मन्तूराम पवार , अध्यक्षता डी.एल.बढ़ाई, विशिष्ट अतिथि दामेसाय बघेल(व्याख्याता) लोक साहित्यकार, फूलसिंह नरेटी ब्लाक अध्यक्ष गोड़वाना समाज पखान्जूर, मुख्य वक्ता राजा पान्डे, सामाजिक कार्यकर्ता डां.कृष्णपाल राणा (राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक, लोक साहित्यकार आदिम शोधकर्ता) संयोजक राधेश्याम औरसा (सहायक प्राध्यापक), शैलेन्द्र गढ़ेवाल, रघुवर सिंह ध्रुव, बी.एस.राय ,रोशन डोंगरे, डा.वंदना दास, गोपेश दास साहू, खीर प्रसाद साहू ,डा.सविता गौतम, डां. ज्योति शर्मा, किरण ठाकुर, प्रज्ञा कश्यप ,श्रद्धा खूंटे, देवाशिष बिस्वास, नोहरूराम निषाद, सहायक प्राध्यापक गण शासकीय वीर गैंदसिंह महाविद्यालय पखान्जूर तथा महाविद्यालय के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
अतिथियों के द्वारा शहीदों के छाया चित्र पर सेवा अरजी किया गया, पश्चात अतिथियों का स्वागत पागा एवं बेज लगाकर किया गया, मुख्य अतिथि मंतूराम पवार (पूर्व विधायक) प्राचार्य डी एल बढ़ाई ,विशिष्ट अतिथि दामेसाय बघेल और मुख्य वक्ता राजा पान्डे ने अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए जनजाति समाज के गौरव दूर दृष्टि के प्रणेता शहीद गैंदसिंह( परलकोट विद्रोह) अंग्रेजों के शोषण एवं अत्याचार के विरूद्ध प्रजा की भलाई के लिए आवाज उठाने के कारण सुदूर अंचल वनों से आच्छादित डोंगरी में स्थित राजमहल के सामने 20 जनवरी सन् 1825 को फांसी दी गई। सुखदेव पातर हल्बा (भेंलवापानी) , चिन्तु हल्बा( कोलर) हरचन्द बाकड़ा ,कंगलू कुम्हार ,इंदरू केंवट( सुरूंगदोह) गुंडाधुर , भगवान बिरसा मुंडा आदि के विषयों पर शहीदों के वीर गाथाओं पर प्रकाश डाला गया।
डॉ. कृष्णपाल राणा ने बस्तर के आदिवासियों विद्रोह प्रथम हल्बा विद्रोह आदिवासियों के समूह द्वारा 1774,भोपालपटनम विद्रोह 1795, परलकोट विद्रोह 1825,तारापुर विद्रोह 1842 से 1854 तक, मेरिया विद्रोह 1842 से 1863, सोना खान विद्रोह 1857, कोई विद्रोह 1859, मुरिया 1876, रानी चो रीस का विद्रोह,भूमकाल विद्रोह 1910 आदिविषयों पर व्याख्यान दिया गया।
संस्था के प्राचार्य डी. एल.बढ़ाई एवं समस्त कर्मचारियों के द्वारा जनजाति समाज के गौरव शहीदों का छाया चित्र अतिथियों को सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
TRTI द्वारा रिपोर्टियर से सम्मानित दामेसाय बघेल ने यह जानकारी दी।