स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दाऊ ढाल सिंह दिल्लीवार की प्रतिमा का अनावरण

LOKASAR GUNDERDEHI

विगत दिनों गुण्डरदेही विधानसभा के प्रथम विधायक ढाल सिंह दिल्लीवार की प्रतिमा का संसदीय सचिव एवं सांसद ने किया संयुक्त रूप से अनावरण। उल्लेखनीय है की ढालसिंह दिल्लीवार की प्रतिमा गुण्डरदेही के हृदय स्थल धमतरी चौक पर स्थापित थी , जिसे सड़क चौड़ीकरण के चलते चौक से हटाए जाने समाज के लोगों ने प्रशासन से अनुमति लेकर विश्राम गृह के समीप पुनः स्थापित किया गया। जिसे संयुक्त तौर पर क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी एवं संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद द्वारा अनावरण किया गया।

इस मौके पर कई स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

दाऊ ढाल सिंह दिल्लीवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो थे गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र के प्रथम विधायक भी रहे । यह भी बताते चलें कि दिल्लीवार कुर्मी समाज के पदाधिकारी द्वारा संसदीय सचिव के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भेंट कर दाऊ ढाल सिंह दिल्लीवार के नाम से छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण पुरस्कार घोषित करने की मांग भी की गई थी।

उनकी संक्षिप्त जीवनी एवं उपलब्धियां

दाऊ ढाल सिंह जी दिल्लीवार का जन्म 27 नवंबर 1897 पिता – स्व. बलराम सिंह, ग्राम-पिरीद, जिला – बालोद (छत्तीसगढ )

  • प्राथमिक शिक्षा अर्जुंदा एवं मैट्रिक राजनांदगांव से
  • 1921 में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल (महात्मा गांधी जी के प्रेरणा से)
  • 1926 में क्रांतीकारी युवक का नाम दिया गया (मात्र 24 वर्ष की उम्र में)
  • 1930 में नमक एवं जंगल सत्याग्रह में शामिल (अंग्रेजों के विरूद्ध)
  • 1935 में कांग्रेस सेवा दल की सदस्यता ग्रहण
  • 1937 में दुर्ग जिला लोकल बोर्ड के चेयर मेन एवं प्रांतिय कांग्रेस के सदस्य में चयन l
  • 1939 त्रिपुरी जबलपुर कांग्रेस अधिवेशन में शामिल तथा गांधी जी, सुभाष चंद्र बोस तथा सीता रमैय्या के साथ जेल आंदोलन
  • 1940 सत्याग्रही तैयार करने मंटग (पाटन) क्षेत्र का भ्रमण
  • 12 मई 1941 को गांधी चौक दुर्ग की सभा से बलपूर्वक अंग्रेजो द्वारा गिरफ्तार किया गया
  • 1941 से 1945 तक नागपुर, दमोह, जबलपुर के जेलों में रहे
  • जेल में महान क्रांति दूत संत विनोभा भावे और अब्दुल कलाम आजाद लंबे समय तक एक ही कोठरी मे रहे
  • 1948 में प्रकाशित नवभारत जयपुर कांग्रेस अंक के पृष्ठ 53 में दाऊजी मध्यप्रांत के प्रधान नक्षत्र की संज्ञा दी गई
  • 1955 से 1962 तक दुर्ग जनपद सभा के प्रथम अध्यक्ष
  • 1961 में अविभाजित दुर्ग जिले (राजनांदगांव, कवर्धा, बेमेतरा, खैरागढ़, बालोद तहसील) के कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुने गये
  • 1962 से 1967 तक दुर्ग विधानसभा से विधायक बने
  • आपके कार्यकाल में बहुत से प्राथमिक, मीडिल और हाईस्कूल की स्थापना भी हुई ।
  • जाति, धर्म से परे हर जरूरतमंदों का सहयोग और छुआछूूत के विरोधी रहे ।
  • जनपद सभा अध्यक्ष के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र हेतु स्थल निरीक्षण एवं चयन हेतु पंडित जवाहरलाल नेहरू और पं. रविशंकर शुक्ल के साथ भ्रमण कर संयंत्र स्थल को अंतिम रूप दिया ।
  • 15 अगस्त 1957 में भिलाई इस्पात संयंत्र की उद्घाटन में नेहरू जी के साथ शामिल भी रहे।
  • सन् 1967 मे दाऊ जी के सहप्रयासों से विशाल भूखंड पर साइंस कालेज दुर्ग का भवन निर्माण हुआ ।
  • दाऊ जी की पहल पर पुराना बस स्टैंड स्थित मजार में उर्स के मौके पर अखिल भारतीय स्तर पर कव्वाली आयोजन की शुरूआत हुई जो आज तक अनवरत जारी है (कौमी एकता के पक्षधर) ।
  • सन् 1966 से जीवन पर्यन्त केन्द्रीय दिल्लीवार कूर्मि क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष रहे।
  • 10 अगस्त 1969 को महाप्रयाण । दाऊजी के आदर्शों एवं जन हितैषी कार्यों को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए , न केवल दिल्लीवार कूर्मि क्षत्रिय समाज अपितु हर समाज के आदर्शपुरुष दाऊ ढाल सिंह दिल्लीवार के नाम से राज्य अलंकरण घोषित होने से आने वाली पीढ़ीयां उनका अनुसरण करेगी एवं उनसे प्रेरणा लेगी।

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