सिरपुर महोत्सव में ऐतिहासिक धरोहर बुद्ध की शिक्षाओं पर केंद्रित विषयों देश विदेश से आए
अनेक विख्यात विद्वान एवं बौद्ध अरहत भिक्षुओं ने परिचर्चा में हुए शामिल

लोक असर समाचार बालोद/रायपुर

सिरपुर के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसर में देश विदेश के अनेक विख्यात विद्वान एवं बौद्ध अरहत भिक्षु प्रोफेसरों की उपस्थिति में बौद्ध पूर्णिमा का ऐतिहासिर आयोजन किया गया। दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बी. एस. जागृत ने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में दिल्ली, चण्डीगढ़, राजस्थान, लखनऊ, कानपुर, बौद्ध गया, सांची, सारनाथ, पटना, मुम्बई, नासिक, अकोला, भोपाल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल से अनेक बौद्ध अनुयायी, स्कॉलर, बौद्ध भिक्षु, बौद्ध विद्वान, के कुलपति एवं रिटायर्ड प्रोफेसर शिक्षाविद् एवं इतिहासकार सम्मिलित हुये थे। तीन दिवसीय कार्यक्रम में यह सार्वजनिक तौर पर मांग उठने लगी कि सिरपुर को जानबूझकर दबाया जा रहा है। सिरपुर के विकास एवं उन्नति शून्य है। यहीं कारण है कि सिरपुर में 200 पर्यटकों की कहीं रुकने की व्यवस्था नहीं है। यदि विदेशों से पर्यटक या बौद्ध भन्ते या बौद्ध अरहत आते हैं, तो ऐसे पर्यटन स्थल पर रूकने का कोई साधन नहीं है। इसलिए सार्वजनिक मांग हुई कि एक 100 कमरों का वी.वी.आई.पी. रेस्टहाऊस अंतरराष्ट्री तथा 500 लोगों के रुकने के लिए धर्मशाला और विदेशी बौद्ध विद्वान, प्रोफेसर, कुलपति आदि उनके रुकने हेतु एक बेहतरीन गेस्टहाऊस की मांग उठी।

सिरपुर निवासी किसानों की मांग सिरपुर अंचल के 30 कि.मी. दूर के ग्रामवासियों ने कार्यक्रम स्थल के बगल में महानदी जो लगभग 3 कि.मी. चौड़ी है, यहाँ पर एनीकेट की मांग कर रहे हैं। 2019 में सिरपुर एनीकेट का टेण्डर 178 करोड़ में हुआ था, जो निरस्त हो गया, यदि एनीकेट बनता है, तो कम से कम 200 ग्रामों के किसान आबादी लगभग 1,00,000 से अधिक लोगों को डबल फसल का लाभ मिलेगा, किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वहां के लोगों को अन्य कार्यों के लिए 40 कि.मी. दूर घूम करके नहीं जाना पड़ेगा। यहाँ के किसान बड़े उपेक्षित है और उनकी यह भी मांग है कि सिरपुर में एक 50 बिस्तर का अस्पताल हो, जिससे आकस्मिक होने वाली मृत्यु से किसानों की रक्षा की जा सके।

शकुन डहरिया अध्यक्ष सद्भावना मंच, मनोज वर्मा, संजय गजघटे, विधायक विनोद चन्द्राकर महासमुंद, दिलीप वासनिकर, रिटायर्ड संभागायुक्त रायपुर एवं विभागीय जांच आयुक्त तथागत संदेश के संचालक डॉ. रमेश शुकदेवे, जागो किसान के संचालक रघुनंदन साहू, भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष बी. एस. जागृत बिम्बसार नागार्जुन, संजय वासनिक, शंकर नंदेश्वर, बी.पी. मेश्राम, कृष्णा नंदेश्वर, संजय गजघाटे, अंजू मेश्राम आदि उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता सिरपुर अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिषद एवं बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रोफेसर डॉ. रतनलाल इतिहासकार दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रोफेसर हेमलता महेश्वर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली, डॉ. लक्ष्मण यादव एसोसियेट प्रोफेसर इतिहासकार दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रोफेसर जितेन्द्र मीणा इतिहास विभाग एसोसियेट प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. धरमवीर यादव गगन स्कॉलर एवं चिंतक विश्वविद्यालय आजमगढ़, अनन्या डेक्कन कॉलेज पुणे पुरातत्व विभाग, रामदास अविनाशी वरिष्ठ साहित्यकार पामगढ़ छत्तीसगढ़, मनोज कुमार दिवाकर स्वतंत्र चिंतक छत्तीसगढ़, टी. आर. खुटे स्वागत ट्रस्ट, रघुनंदन साहू जागव किसान, बी.एस. जागृत दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया (भारतीय बौद्ध महासभा), डॉ. रमेश शुकदेवे, डॉ. नरेश साहू, अंजू मेश्राम, कृष्णा नदेश्वर, नागार्जुन फाउण्डेशन सिरपुर, डॉ. स्नेहलता हुमने, संजय वासनिक, शंकर नंदेश्वर, बी.पी. मेश्राम ने सिरपुर की ऐतिहासिक धरोहर बुद्ध की शिक्षाओं पर चर्चा परिचर्चा की।

बुद्ध की शिक्षाओं को सहेजने 38 किमी क्षेत्र में खुदाई की मांग की गई

इस मौके पर शहर में बौद्ध समाज के कई कार्यक्रम तो हुए ही, सिरपुर में भी तीन दिवसीय महोत्सव हुआ। इसका समापन सोमवार को हुआ। रायपुर में रहने वाले समाजजनों ने भी बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लिया। इस दौरान भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को संरक्षित करने के लिए सिरपुर में 38 किलोमीटर क्षेत्र की खुदाई की मांग उठी। बौद्ध महासभा के बीएस जागृत
ने बताया कि स्कूल-कॉलेज, अस्पताल के अभाव को भी बड़ी समस्या बताया जिस वजह से सिरपुर का विकास नहीं हो पा रहा है।

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