जल,जंगल और जमीन की सुरक्षा में आदिवासी समाज सर्वप्रथम – डॉ. महंत

(वीर मेला स्थल राजा राव पठार से लौटकर प्रोफेसर के. मुरारी दास की रिपोर्ट)

लोक असर समाचार बालोद

52 गांव के आदिवासी देव व्यवस्था, आदिवासी संस्कृति ,सभ्यता,साहित्य व आदिवासी रूढ़ी जनित परंपरा से युक्त विशाल हाट बाजार का त्रिदिवसीय आदिवासी वीर मेला का समापन प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय के मुख्य अतिथि में संपन्न हुआ.

अपने निर्धारित समय से कोई डेढ़ घंटा विलम्ब से पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का स्वागत मेला समिति का आयोजक एवं सामाजिक नेताओं द्वारा हेलीपैड पर किया गया. तत्पश्चात उन्हें आदिवासी नर्तकों द्वारा लोकनृत्य रेलापाटा, हुल्की व मांदरी लोकनृत्य के साथ मंच तक लाया गया .इसके पूर्व मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के प्रथम क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह के 167 वें दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

अपने भाषण में मुख्य मंत्री साय ने प्रदेश के प्रगति तथा केंद्र सरकार व मोदी के कार्यों का जिक्र किया. 15 मिनट के सामाजिक मंच के उदबोधन के दौरान राजनीतिक भाषण में यदा-कदा दर्शक दीर्घा से नकारात्मक स्वर देखने को मिला.

मुख्य अतिथि साय ने वीर मेला प्राधिकरण के विभिन्न मदों के लिए 50 लाख की स्वीकृति के साथ समाज के सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया.

आयोजन के प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़ विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ.चरण दास महंत थे. उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा- छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का सही आंकड़ा कितना है इसकी जानकारी समाज को होनी चाहिए और यह जानकारी समाज को जनगणना से ही प्राप्त हो सकती है. आज भी यदि जल,जंगल और जमीन और उसकी सुरक्षा की बात होती है तो हमारे जनजाति समाज सर्वप्रथम होते हैं. वे अपनी संस्कृति और प्रकृति की सुरक्षा में अपनी जान लगा रहे हैं, लेकिन परदेसिया इसके संरक्षक बनकर इसे लूट रहे हैं. डॉ. महंत ने कहा,आदिवासी समाज अपने बच्चों को खूब अच्छी शिक्षा दें. यदि वे अपना गौरवशाली इतिहास नहीं जानेंगे तो समाज का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा.

बी एस रावटे ने कहा कि आज आदिवासी सत्ता मांग रहा है, कौन दे रहा है ? आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों को उसके अनुपात पर आरक्षण नहीं मिला और आरक्षण खत्म करने की तैयारी चल रही है आज आदिवासी दिवस पर जब खुशियों की बात है वही दुख की बात यह है कि आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर खत्म करने की सरकार द्वारा साजिशें चली जा रही है.

इस विशाल आदिवासी वीर मेला सम्मेलन को विधायक संगीता सिंन्हा, विधायक कुंवर सिंह निषाद, विधायक अनिला भेड़िया, विधायक अंबिका मरकाम, अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नंद कुमार साय, अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राज्य अध्यक्ष जी.आर.राणा,पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, सर्व छत्तीसगढ़ समाज के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु सहित अनेक लोगों ने भी संबोधित किया.

अध्यक्षता करते हुए अकबर कोर्राम ने आरक्षण, विस्थापन, समस्या व छात्रवृत्ति की सीमा में वृद्धि की बात की.

कार्यक्रम का संचालन विनोद नागवंशी ने किया. इस अवसर पर जी.आर. राणा लिखित कृति नेक भारत का विमोचन मुख्य अतिथि विष्णु देव साय के हाथों हुआ.

इस आदिवासी हॉट बाजार में शासन की अनेक विभागों के प्रदर्शनी के साथ आदिवासियों की संस्कृति, सभ्यता, रुढ़िवादी जनित परंपरा व साहित्य पर आधारित अनेक स्टाल भी लगे हुए थे.


गत एक दशक से आयोजित इस आदिवासी वीर मेला को देश और प्रदेश के वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए मार्गदर्शन के साथ ही यह अपनी वैश्विक पहचान के लिए अग्रसर है. वीर मेला में मंच संचालन विनोद नागवंशी ने किया. लाखों की संख्या में उमडती भीड़ न केवल आदिवासी समाज को संगठित होने के लिए प्रेरणा देती है बल्कि, अन्य समाज के लिए भी वह प्रेरणा दायक बन रहा है.

देव स्थापना, देव पूजा, देव मिलन, आदिवासी हाट बाजार शुभारंभ, आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम, युवा सम्मेलन आदिवासी प्रतिभाओं का सम्मान, मातृ शक्ति सम्मेलन, आदिवासी महापंचायत में अरविन्द नेताम (अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छ.ग.), जी.आर. राना (पूर्व अध्यक्ष छ.ग. राज्य अनु.ज.जा. आयोग)
अकबर राम कोर्राम (अध्यक्ष छ. ग. गोंडवाना गोंड महासभा) जीवराखन लाल मरई (अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज जिला धमतरी), तुकाराम कोर्राम (अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज जिला बालोद), कन्हैया उसेण्डी (अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज जिला कांकेर), मानक दरपट्टी ( पूर्व अध्यक्ष वीर मेला आयोजन समिति), रेवा रावटे( पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष वीर मेला आयोजन समिति), देवनाथ नेताम ( प्रदेश अध्यक्ष नगारची समाज), प्रेमलाल कुंजाम (अध्यक्ष छ.ग. गोंडवाना गोंड महासभा जिला बालोद), सुमेर सिंह नाग (संभागीय अध्यक्ष गोंडवाना समन्वय समिति बस्तर), माधव सिंह ध्रुव(अध्यक्ष गोंड समाज जिला धमतरी), ज्ञानू राम भोयर (अध्यक्ष हल्बा समाज जिला कांकेर) एच. आर. परिहा (अध्यक्ष हल्बा समाज जिला धमतरी), विश्राम सिंह दाउ (अध्यक्ष कंवर समाज जिला धमतरी), केश कुमार कंवर (अध्यक्ष कंवर समाज जिला बालोद), एच.एल. मानकर (जिला अध्यक्ष अनु.ज.जा. शास. सेवक विकास संघ बालोद), आर.एल.देव (जिला अध्यक्ष अनु.ज.जा. शास. सेवक विकास संघ धमतरी), रामप्रसाद नेताम ,(जिला अध्यक्ष अनु.ज.जा. शास. सेवक विकास संघ कांकेर) विनोद नागवंशी (प्रदेश सचिव छ.ग. सर्व आदिवासी समाज) , सुभाष परते (प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रभाग छ.ग. सर्व आदिवासी समाज) की उपस्थिति रही।

मुख्य वक्ता :-
अरविन्द नेताम ( पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छ.ग.)
विशिष्ट अतिथि- बी.एस. रावटे (प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छ.ग.),
आर.एन. साय ( प्रदेश महासचिव सर्व आदिवासी समाज छ.ग.)
डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना (क्षेत्रीय संघ चालक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ रायपुर),
परसु राम भगत (सलाहकार, उरांव समाज छ.ग.),
मोहन कोमरे (प्रदेश कोषाध्यक्ष छ.ग. गोंडवाना गोंड महासभा),
मीना साहू (सदस्य जिला पंचायत बालोद)
: मातृ शक्ति सम्मेलन :-
सविता साय (प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रभाग सर्व आदिवासी समाज छ.ग.),
सुशीला नेताम (राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रभाग गों. गों. महासभा)

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